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- ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की मदद से तत्काल टिकट पहले ही बुक कर लेते है दलाल.....
Posted by : achhiduniya
02 July 2016
आम
जनता के लिए रेलवे एक सुगम और सुविधा जनक सफर का साथी है लेकिन इस सुविधा को पाने
के लिए उसे कितनी जहदोजहद करनी पड़ती है। टिकट के लिए लाइन और फिर आरक्षण न मिलने
की परेशानी से दो चार होना पड़ता है। वही अगर तत्काल टिकट बुकिंग की बात की जाए तो
जो चौकने वाला सच सामने आया है उससे दलालो की पोलखोल के रख दी है। रेल विभाग
लगातार अपने सिस्टम में सुधार करता रहा है लेकिन दलाल किसी न किसी तरीके से
सुरक्षा या सिस्टम में सेंध लगा ही लेते हैं। सॉफ्टवेयर के जरिए पल भर में ही
तत्काल टिकट बुक कर हजारों रुपये कमीशन वसूलते है। आम आदमी रेलवे की वेबसाइट पर
तत्काल टिकट बुक करने के लिए सर्वर का लिंक मिलने का इंतजार ही करता रह जाता है और
दलाल अपने कंप्यूटर पर पल भर में ही टिकट बुक कर ले जाते हैं। लेकिन कैसे? इसका खुलासा खुद रेल टिकट के एक दलाल ने किया है।
कुर्ला आरपीएफ द्वारा गिरफ्तार लवकुश यादव के मुताबिक नेट पर कई ऑनलाइन सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जिनके जरिए वे तेजी से आईआरसीटीसी की वेबसाईट एक्सेस कर टिकट बुक करते हैं। आम आदमी जहां कंप्यूटर पर सर्वर का लिंक मिलने के बाद ही अपना डीटेल भर पाता है। वहीं दलाल इन सॉफ्टवेयरों के जरिए पहले से सारी डिटेल भरकर तैयार रखते हैं। बुकिंग के समय जैसे ही सर्वर का लिंक खुलता है वे सिर्फ एंटर बटन दबाते हैं और पेमेंट की प्रोसेसिंग शुरु हो जाती है। कुर्ला आरपीएफ थाना इंचार्ज सुरेश अत्री का कहना है कि टाइप करने वाला कितना भी तेज हो पूरी डिटेल भरने में एक मिनट से ज्यादा का वक्त लग ही जाता है तब तक ये दलाल सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट बुक भी कर चुके होते हैं। दलालों की मानें तो तेज टिकट बुक करने में मदद करने वाले एक नहीं आधा दर्जन से भी ज्यादा सॉफ्टवेयर हैं।
जो 1500 से 5 हजार रुपये तक ऑनलाइन में मिलते हैं और बेचने वाले दूर दूसरे राज्यों में या फिर विदेशों में कहीं बैठे होते हैं।आरपीएफ का कहना है कि अब तक ऐसे सॉफ्टवेयर के जरिए तेजी से रेल टिकट बुक करने के 3 मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे मामलों में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें दलाल और सॉफ्टवेयर बेचने वाले भी शामिल हैं। मामला सिर्फ रेल टिकट की दलाली का नहीं साइबर क्राइम का भी है इसलिए आईआरसीटीसी के जरिए मुंबई साइबर सेल की मदद भी लेने पर विचार चल रहा है।
कुर्ला आरपीएफ द्वारा गिरफ्तार लवकुश यादव के मुताबिक नेट पर कई ऑनलाइन सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जिनके जरिए वे तेजी से आईआरसीटीसी की वेबसाईट एक्सेस कर टिकट बुक करते हैं। आम आदमी जहां कंप्यूटर पर सर्वर का लिंक मिलने के बाद ही अपना डीटेल भर पाता है। वहीं दलाल इन सॉफ्टवेयरों के जरिए पहले से सारी डिटेल भरकर तैयार रखते हैं। बुकिंग के समय जैसे ही सर्वर का लिंक खुलता है वे सिर्फ एंटर बटन दबाते हैं और पेमेंट की प्रोसेसिंग शुरु हो जाती है। कुर्ला आरपीएफ थाना इंचार्ज सुरेश अत्री का कहना है कि टाइप करने वाला कितना भी तेज हो पूरी डिटेल भरने में एक मिनट से ज्यादा का वक्त लग ही जाता है तब तक ये दलाल सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट बुक भी कर चुके होते हैं। दलालों की मानें तो तेज टिकट बुक करने में मदद करने वाले एक नहीं आधा दर्जन से भी ज्यादा सॉफ्टवेयर हैं।
जो 1500 से 5 हजार रुपये तक ऑनलाइन में मिलते हैं और बेचने वाले दूर दूसरे राज्यों में या फिर विदेशों में कहीं बैठे होते हैं।आरपीएफ का कहना है कि अब तक ऐसे सॉफ्टवेयर के जरिए तेजी से रेल टिकट बुक करने के 3 मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे मामलों में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें दलाल और सॉफ्टवेयर बेचने वाले भी शामिल हैं। मामला सिर्फ रेल टिकट की दलाली का नहीं साइबर क्राइम का भी है इसलिए आईआरसीटीसी के जरिए मुंबई साइबर सेल की मदद भी लेने पर विचार चल रहा है।