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- महिला के भड़कीले अंतःवस्त्र के कारण रेप आरोपी कोर्ट से बरी...
Posted by : achhiduniya
15 November 2018
रेप के अधिकतर मामलो मे सबूतो या गवाहो के अभाव मे रेप आरोपी बरी हो
जाते है,लेकिन आयरलैंड
में एक रेप आरोपी को पीड़िता के अंडरवियर को सबूत मानकर बरी कर दिया गया है। असल
में कोर्ट में रेप आरोपी के पक्ष के वकील ने पीड़िता के अंडियरविर को लहराते हुए
कहा, कोर्ट
को महिला के पहनावे पर गौर करना चाहिए। महिला ने थोंग (अंतःवस्त्र) पहना था। इसमें
आगे की तरफ फीते लगे हुए हैं। रेप आरोपी पक्ष का वकील अदालत में इसी तरह के सबूतों
के आधार पर यह साबित करने में कामयाब रहा कि रेप पीड़िता ने ऐसी पोशाक पहन रखी थी, जो
आम दिनों में नहीं पहनी जाती है। यानी कि रेप पीड़िता के साथ रेप ना होकर उनके साथ
सहमति से शारीरिक संबंध बनाए गए हैं।
उनके कपड़ों से यह जाहिर होता है कि वह पुरुष
की आकर्षित थीं और मामला सेक्शुअल कंटेंट का है। इसके बाद आयरलैंड के 28
वर्षीय रेप आरोप को कोर्ट ने बरी कर दिया। उनके ऊपर एक 17
वर्षीय लड़की ने रेप का आरोप लगाया था। इस फैसले से रेप पीड़िता को भारी निराशा
हुई। कोर्ट के इस फैसले लेकर आयरिश अखबार आईरिश एक्ज़ामिनर ने रिपोर्ट छापी। इससे खफा महिला व समाजसेवी संगठनों ने एक अभियान छेड़ा
है। इसमें देशभर की महिलाएं जुड़कर अपनी-अपनी अंडरवियर की तस्वीरें शेयर कर रही
हैं और यह बता रही हैं अंडरवियर को देखकर महिला के साथ रेप हुआ है या नहीं यह तय
नहीं किया जा सकता। मामला प्रकाश में आने बाद इसमें राजनेता कूद गए। इस मामले के
प्रकाश में आने के बाद सामाजिक संगठनों और राजनेताओं तक पहुंच गया। इसके बाद सांसद
रुथ कैपिंगर ने इसे सदन को अवगत कराना ठीक समझा।
अपने अभिभाषण के दौरान वह सदन में
उठीं और एक नीले रंग की अंडरवियर उन्होंने लहराई। उन्होंने कहा, हो
सकता है यहां अंडरवियर दिखाना शर्मनाक हो,लेकिन कल्पना कीजिए उस वक्त कैसा लगा होगा जब
कोर्ट में एक महिला के अंडरवियर लहराए जा रहे थे। कई महिलाओं ने अपने-अपने अत:वस्त्रों की तस्वीरें सोशल
मीडिया में शेयर कीं। उन्होंने बताया कि इस तरह के अंडरवियर पहनने का आशय यह नहीं
है कि वह शारीरिक संबंध बनाना चाहती हैं।
इसके बाद मामला और ज्यादा तूल पकड़ता
गया। इसके बाद कई महिलाओं ने कानून में संशोधन की मांग की। उन्होंने कई देशों के
कानूनों का जिक्र किया, जिनमें रेप के मामलों में सुनवाई को लेकर कई तरह की गाइडलाइन
बनी हुई हैं। जैसे उनमें रेप पीड़िता से किसी ऐसे सवाल या उसे किसी जलालत से नहीं
गुजरना होगा जिसमें उसे और ज्यादा कष्ट हो।