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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं से रौशन करेंगे.... मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत...
Posted by : achhiduniya
27 July 2019
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को राज्य के 208 स्थानीय उद्यमियों को 600 करोड़ की 148.85 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आंवटन पत्र दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही 200 करोड़ की 52 मेगावाट की अन्य परियोजनाएं भी स्थानीय विकासकर्ताओं को आवंटित की जाएंगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ऐसे प्रयासों को पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने बिना कृषि के बंजर होते खेतों के लिए सौर ऊर्जा परियोजना को वरदान बताया। सीएम ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों का आर्थिक विकास राज्य आंदोलन के मूल में रहा है। सौर ऊर्जा के विकास में भागीदार बने लोग भी राज्य बनने के मूल में रहे हैं। आज वे लोग राज्य के आर्थिक विकास के वाहक बने हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल है। इस प्रकार वे हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले भी बने हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से प्रति उद्यमी को औसतन 66.5 लाख की वार्षिक आय होगी, जबकि लगभग 850 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। आवंटित की गई परियोजनाओं में अल्मोड़ा से 23, बागेश्वर से 01, चम्पावत से 02, चमोली से 10, देहरादून से 14, नैनीताल से 31, पौड़ी से 45, पिथौरागढ़ से 01, टिहरी से 61 एवं उत्तरकाशी से 20 शामिल हैं।
इन संयत्रों की स्थापना के लिए जून 2020 तक की समय सीमा निर्धारित है। संयत्रों
की स्थापना विकासकर्ताओं द्वारा अपने वित्तीय संसाधनों से पूर्ण कराई जाएगी जिससे
राज्य में निजी क्षेत्र में लगभग 6 सौ करोड़ रूपये का निवेश होगा। आवंटित किए गए
संयत्रों की क्षमता 100 किलोवाट से 5000 किलोवाट तक के मध्य है। जिनकी कुल
सम्मिलित क्षमता 148.85 मेगावाट है। 1000 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से प्रति वर्ष
लगभग 14.00 लाख यूनिट विद्युत का उत्पादन होता है जिसको आगामी 25 वर्षों तक क्रय
किए जाने के लिए यूपीसीएल पावर परचेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित करेगा। मुख्यमंत्री
त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में सौर ऊर्जा
परियोजनाओं के प्रति लोगों में उत्साह देखा गया था। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने
के लिए इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व एक माह में 5 कैबिनेट
बैठकें आयोजित कर 5 नीतियों में संशोधन के साथ ही 10 उद्योगों के अनुकूल नीतियां बनाई गईं, जिसके सार्थक परिणाम आने लगे हैं।
उन्होंने यह भी
दावा किया कि इसके तहत अब तक राज्य में लगभग 16 हजार करोड़ से
अधिक निवेश प्राप्त हुआ है। आवंटित की गई सौर ऊर्जा परियोजनाओं के सम्बन्ध में
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सौर ऊर्जा नीति
को संशोधित कर 50 मेगावॉट क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट्स की
स्थापना, प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में प्रदेश के
मूल/स्थाई निवासियों हेतु ही आरक्षित कर दी गई थी। साथ ही पारम्परिक और नवीकरणीय
तरीकों से ऊर्जा उत्पादन को उद्योग की श्रेणी में सम्मिलित करते हुए, इन परियोजनाओं के लिए उत्तराखण्ड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की श्रेणी में सम्मिलित करते
हुए इन परियोजनाओं के लिए उत्तराखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम
उद्योग नीति-2015 में प्रदत्त समस्त सुविधाएं भी अनुमन्य की
गई थीं।