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सरकारी मेडिकल कॉलेज से पीजी व डिप्लोमा उतीर्ण डॉक्टरों को 3 साल देनी होगी सेवा... 65 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा..
Posted by : achhiduniya
27 August 2020
वैश्विक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर बिहार राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन व डिप्लोमा उतीर्ण छात्रों को राज्य में तीन वर्षों की अनिवार्य सेवा देने का आदेश जारी किया है। सूबे के मेडिकल कॉलेज और सदर व पीएचसी में डॉक्टरों की आवश्यकता को देख हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। 19 चिकित्सीय विभागों के लिए राज्य सरकार ने 370 डॉक्टरों का राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में पीजी व डिप्लोमा उतीर्ण डॉक्टरों की पदस्थापित किया गया है। सरकार के अवर सचिव कौशल किशोर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी चिकित्सकों को पत्र निर्गत होने के एक महीने के अंदर आवंटित
चिकित्सीय संस्थान में योगदान ले लेना आवश्यक होगा। अवर सचिव ने कहा कि नियोजन किसी भी रूप में नियमित नियोजन नहीं माना जाएगा। राज्य सरकार की ओर से जारी डॉक्टरों की सूची में करीब 30 डॉक्टर एसकेएमसीएच व सरकारी जिले के सरकारी अस्पतालों को आवंटित किए गए हैं। अवर सचिव के जारी पत्र में कहा गया है कि जिस डिप्लोमाधारी चिकित्सा पदाधिकारी को चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में सीनियर रेजिडन्ट के आधार पर संविदा नियोजन किया गया है, उन्हें 65 हजार रुपये मासिक मानदेय का भुगतान किया जाएगा। वहीं ऐसे पीजी उत्तीर्ण/डिप्लोमाधारी विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी जिन्हें सदर व अनुमंडलीय अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी के रुप में संविदा पर बहाल किया गया है उन्हें 82 हजार रुपये मासिक मानदेय का भुगतान किया जाएगा।