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- सस्ते इलाज का दे रहे झांसा,सावधान कोरोना संकट काल में झोला छाप डाक्टर सक्रिय...
Posted by : achhiduniya
06 October 2020
कोरोना संकट काल में निजी अस्पतालों में मनमानी
शुक्ल वसूली की अनेक घटनाएं सामने आ रही है। इतना ही नहीं इलाज से पहले शुल्क जमा
करने की सिलसिला अब भी जारी है। साधन-संपन्न लोग निजी अस्पतालों में इलाज कर रहे
हैं। जबकि असक्षम और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए अब भी सरकारी मेडिकल कालेज
सहारा बने हुये हैं। कई निजी अस्पतालों में वरिष्ठ डाक्टरों की मदद के लिए विविध
पैथी के डाक्टर नियुक्त किये गये हैं। इनका मुख्य कार्य सहयोग करना होता है। सीधे
तौर पर उपचार से जुड़े नहीं होते। नागपुर जिले में बोगस डाक्टरों की कमी नहीं है। कई
डाक्टर तो वर्षों से प्रैक्टिस भी कर रहे हैं। डिग्री नहीं होने के बाद भी बोर्ड
लगाकर मरीजों को दवाइयां दे रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर होने वाली
कार्रवाई में इस तरह के मामले सामने भी आये हैं,लेकिन
अब कई झोला छाप डाक्टर
कोरोना मरीजों के इलाज में सक्रिय हो गये हैं। घर पहुंच इलाज कराने के अलावा
आक्सिजन की भी व्यवस्था करने में माहिर इन डाक्टरों के प्रतिदिन के हिसाब से अपना
शुल्क तय कर रखा है,लेकिन जब किसी मरीज की तबीयत
गंभीर हो जाती है तो फिर सीधे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह देकर हाथ
झटक लेते हैं। कोविड काल में मामूली सर्दी, जुकाम
होने पर भी टेंशन बढ़ जाता है। अब भी लोगों में गलतफहमी है कि टेस्ट कराने पर
रिपोर्ट पाजिटिव ही आएगी। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं होता। वहीं लोगों के मन में डर बन गया है कि
निजी अस्पताल में जाने पर लाखों का खर्च करना पड़ेगा। इस हालत में इस तरह के मरीज ऐसे