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- पांच करोड़ रुपये लेकर टिकट नहीं दिए,कांग्रेस-आरजेडी के छह नेताओं पर दर्ज हुई FIR...
Posted by : achhiduniya
22 September 2021
पटना के एक कोर्ट के आदेश के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने
कार्रवाई की,
कांग्रेस नेता संजीव कुमार द्वारा सीजीएम न्यायालय में इन लोगों पर लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पांच करोड़ रुपये लेकर टिकट नहीं दिए जाने को लेकर
परिवाद पत्र दाखिल किया गया था, जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने
पटना के कोतवाली थाने में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। आरोप में बिहार के
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद मीसा भारती सहित छह नेताओं पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी यादव समेत छह नेताओं के खिलाफ पटना के एक कोर्ट द्वारा एफआईआर दर्ज करने
का आदेश जारी होने के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया था। सत्ता पक्ष के नेता
तेजस्वी और लालू परिवार पर हमला बोल रहे थे। इधर, बीते
दिनों सभी आरोपों को नकारते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा था कि
कुछ विक्षिप्त मानसिकता वाले लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह का काम करते हैं।
ये वही लोग हैं जो खुद को होर्डिंग बैनर लगाकर प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बताते
हैं। इनके आरोप पर न्यायालय ने कैसे संज्ञान लिया, ये तो
वो ही समझे,लेकिन ये सबको पता है कि ये जो आरोप
लगाए गए हैं वो बकवास हैं, बेबुनियाद हैं। गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और नेता
प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मीसा भारती सहित छह लोगों के
खिलाफ कोर्ट ने प्राथिमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। पटना सिविल कोर्ट में दायर
परिवाद पत्र मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने यह आदेश दिया है। इस मामले में
एफआईआर (FIR)
करने के लिए परिवाद पत्र को कोतवाली थाने भेजा
गया था। मामला लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर
पांच करोड़ रुपये ठगने का है।
साथ ही तेजस्वी यादव पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है। कांग्रेस नेता व
अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम की अदालत में पिछले महीने 18 अगस्त
को एक परिवाद पत्र दायर किया था। उसमें संजीव कुमार सिंह ने बिहार विधानसभा में
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत छह लोगों पर आरोप लगाया है। इसके
बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा के जरिए कोतवाली
थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया गया था।