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- क्यू और कैसे बनते है महामंडलेश्वर...?
Posted by : achhiduniya
29 July 2022
महामंडलेश्वर बनना आसान नहीं होता है लेकिन उसके
बावजूद फ्रांस, रूस, जापान
जैसे कई देशों के अनुयायी दीक्षा लेने के लिए कुंभ के मेले ने जाते रहे हैं। दीक्षा
के बाद जब उनके सन्यास जीवन पर अखाड़ा संतोष जता देता है तब उन्हें महामंडलेश्वर
घोषित किया जाता है। इस दौरान उन्हें गृहस्थ जीवन का त्याग करना पड़ता है।
मध्यप्रदेश में किसी समय कांग्रेस के नेता रह चुके अब महामंडलेश्वर की पदवी
प्राप्त कर चुके शैलेशानंद मध्यप्रदेश के पिछड़े जिले में आश्रम बनाकर वहां लोगों
को नशे और डिप्रेशन से निजात दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कि
पश्चिमी देशों ने साइंस में बहुत खोज की है,लेकिन
इंसान की खोज में विफल रहे हैं। लिहाजा
आध्यात्मिक शांति की खोज में विदेशी
श्रद्धालु क्रिया योग की तरफ आ रहे हैं। विदेशी महामंडलेश्वर विश्वदेवा जी, जापान से कैला देवी,आनंद
लीला माता,
श्रद्धा माता कई महामंडलेश्वर हैं। उन्हीं के साथ किसी समय भूटान की फुटबाल
प्लेयर रह चुकीं माता श्रद्धा भी हैं। जो
अंग्रेजी के साथ शानदार हिन्दी बोलती हैं। इनके साथ ही हरियाणा से आई चेतना माता
भी हैं जो कभी IAS की तैयारी कर रही थीं लेकिन अब महामंडलेश्वर बनकर
हरियाणा में योग आध्यात्म की अलख जलाए हैं। आप कह सकते हैं कुंभ मेले के बारे में
दुनिया भर में जानकारी देने और फैलाने में इन देशी विदेशी महामंडलेश्वर और शिष्यों
की बड़ी भूमिका है। यही वजह है कि अब कई अखाड़े ज्यादा से ज्यादा अपनी शाखाएं
देश-विदेश में फैला रहे हैं।
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