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- सावधान कहीं आपके नाम का सिम तो नही पहुंच रहा आतंकियों तक, कैसे जाने व बचें...?
Posted by : achhiduniya
06 August 2022
पुलिस से बचने और क्राइम करने के लिए अपराधी अक्सर
फर्जी सिम का सहारा लेते हैं,लेकिन आपने सोचा
है कि यह फर्जी सिम दरअसल होती किसकी है। इसे किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी
करवा के अपराधियों तक पहुंचाया जाता है। झारखंड पुलिस के अनुसार मोबाइल सिम को
लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले लोग गांवों में जाकर लोगों को सरकारी योजनाओं का झांसा
देते हैं और उनसे आधार की डिटेल लेकर सिम खरीद लेते हैं। फिर इस सिम को पैसे लेकर
अपराधारियों को बेच दिया जाता है। दूसरा तरीका ये है कि
जब आप दुकान या स्टोर पर
सिम खरीदने जाते हैं तो दुकानदार आपके आधार पर एक सिम एक्टिवेट करके आपको दे देता
है,जबकि दो तीन और सिम एक्टिवेट करके अपराधियों या धोखाधड़ी
करने वालों को बेच देता है। दुकानदार या स्टोर संचालक को नए सिम के लिए जो भी
डॉक्यूमेंट दें,उसके नीचे उद्देश्य लिखकर साइन कर दें। मसलन
वह डॉक्यूमेंट सिम खरीदने में इस्तेमाल हो रहा,ऐसा लिखकर अपना साइन बना दें। इससे डॉक्यूमेंट का दूसरा इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। सिम कार्ड
को हमेशा पैकेट बंद ही खरीदें और पहले से एक्टिवेट सिम को खरीदने से बचें। अपने
सिम का कस्टमर केयर से वेरिफिकेशन जरूर कराएं। डॉक्यूमेंट में लगी फोटो पर क्रॉस
करते अपना साइन जरूर बनाएं,ताकि उसका दूसरा कोई इस्तेमाल न
कर सके।# ट्राई का नियम:- भारतीय
दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के नियमानुसार,एक व्यक्ति के आधार पर अधिकतम 9 सिम ही जारी की जा सकती है। बिना
वेरिफिकेशन कराए जारी किए गए सिम को तत्काल बंद कर दिया
जाएगा। एक आधार पर 9 सिम
से ज्यादा जारी होते हैं,तो 30 दिन में आउटगोइंग और 45 दिन
में इनकमिंग कॉल बंद हो जाएगी। जबकि 60
दिन में सिम पूरी तरह डिएक्टिवेट हो जाएगा। # ऐसे चेक करें
आपके नाम पर कितने सिम हैं। सबसे पहले डॉट की ऑफिशियल साइट tafcop.dgtelecom.gov.in
पर जाएं। होम स्क्रीन पर अपना मोबाइल नंबर डालें और ओटीपी रिक्वेस्ट
पर क्लिक करें। मोबाइल पर आए ओटीपी को डालकर वैलिटेड पर क्लिक करें। इसके बाद स्क्रीन
पर आपके आधार कार्ड से लिए गए सभी सिम के नंबर दिखने लगेंगे।
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