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- बीजेपी तबेले बनाती है, हम शानदार स्कूल...DCM मनीष सिसोदिया
Posted by : achhiduniya
04 September 2022
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष
सिसोदिया ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी तबेले बनाती है, हम
शानदार स्कूल बनाते हैं। मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए पैसा खर्च
किया है, मैं अपने हवा महल में नहीं लगा रहा, स्विस बैंक में जमा नहीं कर रहा। मैं बच्चों के लिए बनवा रहा
हूं। सरकार स्कूल बनवा रही है। इसी में नुस्क निकाल रहे हैं। स्कूल ज्यादा क्यों बनवा दिए, कमरे क्यों ज्यादा बनवा दिए, आपने
टॉयलेट ज्यादा क्यों बनवा दिए, इतने अच्छे क्यों बनवा दिए, इस तरह का रिसेप्शन प्राइवेट स्कूलों में भी रेयर मिलता है। कह
रहे हैं प्राइवेट स्कूल की तरह बनवाने की क्या जरूरत थी। पीले कचरे वाला जो
स्कूल
में बनता है,
वैसा बनवाते। इतना बढ़िया क्यों बनवाया ये कह रहे
हैं। इसका क्या जवाब दें। हमारा काम है,अच्छे
से अच्छे स्कूल बनें। हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिले। इस पर इनको प्राब्लम हो रही है। पहले एक फ्लोर पर टॉयलेट बनता था। हमने कहा
चारों फ्लोर पर टॉयलेट बनाओ। ये कह रहे हैं टॉयलेट ज्यादा क्यों बनवा दिए। जवाब
क्या दें। चारों फ्लोर पर बच्चे पढ़ रहे
हैं तो टॉयलेट बनवाने पड़ेंगे। टॉयलेट बढ़ाने पड़ेंगे। आपकी बेटी, टीचर
आते हैं। सात-आठ घंटों के
लिए स्कूल में आते हैं। आप कह रहे हो उनके लिए टॉयलेट
नहीं होने चाहिए और बनवाने पड़ेंगे, और
बनाएंगे। गंदगी और हाइजीन के मुद्दे भी
हैं। क्या अनियमितता है, ये माइंडसेट है। बीजेपी तबेले
बनाती है, हम शानदार स्कूल बनाते हैं। मुझे गर्व है कि मैंने दिल्ली के
बच्चों के लिए पैसा खर्च किया है, मैं अपने हवा महल में नहीं लगा
रहा, स्विस बैंक में जमा नहीं कर रहा। मैं बच्चों के लिए बनवा रहा
हूं। सरकारी स्कूल की पुरानी धारणा को तोड़ना जरूरी था और हमने तोड़ी है।
बीजेपी
सरकारी स्कूल बंद करने की हमेशा वकालत करती है। हमने कहा सरकारी स्कूल अच्छे चल
सकते हैं, अच्छे बनाए और चलाए जा सकते हैं। शानदार स्टेज बनवाया। प्लास्टर
वाला कमरा हमें अपने बच्चों के लिए नहीं चाहिए। वो एक लाख में बने। 5 लाख में बने।
50 लाख में बने, वैसा कमरा बच्चों के लिए चाहिए। शानदार टेबल, बढ़िया यूनिफॉर्म है। इतनी अच्छी फैसिलिटी है। इतना बढ़िया कमरा
बनवाया है। ये बच्चे सामान्य परिवार से आते हैं। इन बच्चों को हक है कि ये भी
अच्छे स्कूलों में पढ़ें। अब कह रहे हैं कमरे को बनाने में गड़बड़ी कर दी।
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