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- पेशेंट को प्लाज्मा की जगह चढ़ाया मौसंबी का जूस....मरीज की मौत
Posted by : achhiduniya
21 October 2022
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में डेंगू के एक मरीज को प्लाज्मा {प्लेटलेट्स} की जगह कथित
रूप से मौसम्बी का जूस चढ़ाए जाने को लेकर यहां एक निजी अस्पताल को गुरुवार को सील
कर दिया गया। मरीज की बाद में मौत हो गई। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो प्रसारित
होने के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के ट्वीट और उनके आदेश पर जिला
प्रशासन हरकत में आया और उस अस्पताल को सील कर दिया गया, जहां मरीज को कथित तौर पर मौसम्बी का जूस चढ़ाया गया था। अधिकारियों
के अनुसार
मरीज प्रदीप पांडेय की हालत बिगड़ने के बाद उसे शहर के दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया
गया, जहां उसकी मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, मरीज की मौत ‘गलत प्लाज्मा {प्लेट्लेट्स}’ चढ़ाए जाने के कारण हुई और इन प्लेट्लेट्स के नमूनों की जांच की
जाएगी। धूमनगंज थाना क्षेत्र के तहत आने वाले अस्पताल को सील करने का कारण पूछे
जाने पर एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि मुख्य चिकित्सा
अधिकारी (सीएमओ) के निर्देश पर
अस्पताल को सील किया गया है और नमूने की जांच होने
तक अस्पताल सील रहेगा। उपमुख्यमंत्री पाठक ने ट्वीट किया, जनपद प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल द्वारा डेंगू के
मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो का संज्ञान
लेते हुए मेरे द्वारा दिए आदेशों के क्रम में अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया
है और प्लेट्लेट्स पैकेट को जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा, यदि अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया
गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पताल के मालिक ने दावा
किया कि प्लाज्मा {प्लेटलेट्स} किसी अन्य चिकित्सा केंद्र से लाए गए थे और तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाए
जाने के बाद मरीज को दिक्कत होने लगी थी। यह पूछे जाने पर कि नमूने की जांच कौन
करेगा, उन्होंने कहा कि पुलिस इसकी जांच औषधि निरीक्षक से कराएगी। वहीं, धूमनगंज स्थित अस्पताल के मालिक सौरभ मिश्रा ने बताया कि प्रदीप
पांडेय डेंगू से पीड़ित था और वह उनके अस्पताल में भर्ती हुआ था। उन्होंने कहा कि
मरीज का प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 पर आने
के बाद उसके उनके रिश्तेदारों को प्लेटलेट्स लाने को कहा गया। उन्होंने बताया कि मरीज
के रिश्तेदार स्वरूप रानी नेहरु (एसआरएन) चिकित्सालय से पांच यूनिट
प्लेटलेट्स लेकर आए, लेकिन तीन यूनिट प्लेटलेट्स
चढ़ाने के बाद मरीज को दिक्कत हुई तो चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाना बंद कर
दिया। इस घटना के संबंध में स्थानीय पुलिस थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई
है।
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