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- कैसे करें कॉन्फिडेंट और अन कॉन्फिडेंट लोगों की पहचान….?
Posted by : achhiduniya
14 February 2024
कई बार
हम कुछ लोगों की बातों से प्रभावित हो जाते है और कुछ लोगों से दूर हटने का प्रयास
करते है। ऐसे क्यू होता है कभी आपने सोचा है...? नहीं न ऐसा इसलिए होता है क्योंकि
जिनसे हम प्रभावित होते है वे आत्मविश्वास से परिपूर्ण होते है वही जिनसे कन्नी काटते
है वे निराशा से भरे होते है हमेशा नकारात्मक बातें करते है,लेकिन आज हम ये जानने का प्रयास करेंगे
की कॉन्फिडेंट और अन कॉन्फिडेंट लोगों की पहचान कैसे करें...? आत्मविश्वास की कमी के कारण लोगों को घबराहट और परेशानी तो
होती हैं। आत्मविश्वास से भरपूर लोग बात करते
समय खुलकर खड़े होते हैं,जबकि आत्मविश्वास में कमी वाले लोग किसी से बात करते
समय अक्सर डिफेंसिव पोश्चर में होते हैं। वे अपने हाथों को चेस्ट पर क्रॉस करके
रखते हैं या पैरों को क्रॉस करके खड़े होते हैं। आत्मविश्वास से भरपूर हंसी और
घबराहट
वाली हंसी में बहुत अंतर होता है। अनिश्चितता और घबराहट के कारण लोग खुलकर
हंस नहीं पाते हैं और यह उनके व्यवहार में आत्मविश्वास की कमी को बताता है। लोगों
के लिए माफी मांगना आसान नहीं होता है,लेकिन आत्मविश्वास की कमी का सामना कर रहे
लोग अक्सर कुछ ज्यादा ही माफी मांगते है। बातचीत के दौरान बार-बार माफी मांगने की
आदत आत्मविश्वास की कमी की ओर इशारा करती है। बातचीत के दौरान बार बार फिलर वर्ड्स
जैसे आं, ऊं का
यूज करना या बार बार बातचीत के क्रम को रोक देना भी आत्मविश्वास की कमी को बताता
है,अक्सर ऐसे लोगों के साथ बातचीत किसी रिजल्ट पर नहीं पहुंच पाती है। लोगों से
नजर मिलाने से बचना आत्मविश्वास में कमी से संबंधित सबसे सामान्य आदत है।
कोई अगर
आंखों में देखने की जगह इधर उधर देखकर बातें करता है,तो सामने वाले को लगता है कि उसे उसकी
बातों में दिलचस्पी नहीं है। जबकि यह आत्मविश्वास की कमी के कारण होता है। कई आयोजनों में अक्सर आपने देखा होगा एक वे, जो बगैर किसी प्रयास के लोगों के आकर्षण का
केंद्र बन जाते हैं और उनसे मजेदार बाते करते नजर आते हैं। दूसरे वे, जो स्पॉट लाइट
से दूर किसी कोने में खड़े होते हैं और जब कोई उनके पास आता है तो घबरा उठते हैं। इन बातों से भी आप कॉन्फिडेंट और अन
कॉन्फिडेंट दोनों तरह की लोगों की पहचान करसकते है,लेकिन हर महफ़िल
में तन्हा रहने वाला अन कॉन्फिडेंट हो यह जरूरी नहीं हो सकता है वह लाइम लाइट पसंद न
करता हो या अपनी शेखी बगारना [झूठी तरीफ़े सुनना या करना] पसंद न हो।