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लिव इन रिलेशनशिप में पैदा बच्चा संपत्ति का अधिकारी,UCC विधेयक में सख्त हैं प्रावधान....उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
Posted by : achhiduniya
06 February 2024
यूनीफॉर्म सिविल कोड बीजेपी सरकार का चुनावी एजेंडा है। सरकार में आने से पहले
बीजेपी यूनिफॉर्म सिविल कोड का जोरशोर से मुद्दा उठाया था। उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने
यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक मंगलवार को सदन के पटल पर रख दिया। नए कानून में लिव
इन रिलेशनशिप को व्यवस्थित करने के लिए प्रावधान किए गए हैं। 192
पन्नों का यूसीसी
विधेयक चार हिस्सों में बंटा हुआ है। यूसीसी विधेयक पर सदन में चर्चा की जाएगी।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेगा। कानून बन जाने के बाद
शादी, तलाक, उत्तराधिकार, लिव इन रिलेशनशिप जैसे मसलों पर सभी धर्मों
के लिए नियम एकसमान होंगे। विधेयक के सख्त
प्रावधानों में लिव इन रिलेशनशिप का
रजिस्ट्रेशन कराने की नाकामी से जुड़ा है। नए कानून में लिव इन रिलेशन से जन्म
लेनेवाले बच्चों को भी अधिकार दिया गया है। बच्चा पुरुष पार्टनर की संपत्ति में
हकदार होगा। लिव इन रिलेशन में आने के बाद महिला को पुरुष पार्टनर धोखा नहीं दे
सकता है। महिला पार्टनर पुरुष से भरण-पोषण की मांग के लिए अदालत में दावा पेश कर
सकती है।
नए कानून में लिव इन रिलेशन से पैदा हुए बच्चे को जायज माना गया है।
पुरुष पार्टनर को जैविक पिता की तरह बच्चे के भरण पोषण की जिम्मेदारी संभालनी होगी
और संपत्ति में भी अधिकार देना होगा। राज्यपाल की मुहर के बाद यूनीफॉर्म सिविल कोड
विधेयक कानून बन जाएगा। नया कानून लागू करनेवाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून बन जाने के बाद लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन
कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर कानून में छह महीने की सजा का
प्रावधान किया गया है। लिव इन में रहने की इच्छा रखनेवाले जोड़े को भी रजिस्ट्रेशन
कराना होगा।