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- 6 दिनों में जनता के करोड़ों स्वाहा,जनता के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं….
Posted by : achhiduniya
28 February 2025
राजस्थान विधानसभा के बीते दिनों स्पीकर ने कांग्रेस के 6 विधायकों को निलंबित कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस ने 21 फरवरी रात से ही विधानसभा में डेरा डाल दिया। कांग्रेस विधायकों ने
सदन के भीतर ही रातें गुजारीं, वहीं कई नेताओं ने विधानसभा
के बाहर प्रदर्शन किया। भजन, नारों और बिसलेरी की बोतलों
के साथ कांग्रेस ने सरकार और स्पीकर पर निशाना साधा। सरकार चाहती थी कि निलंबित
विधायक माफी मांगें, जबकि कांग्रेस की मांग थी
कि मंत्री अविनाश गहलोत पूर्व पीएम दिवंगत इंदिरा गांधी को दादी कहने वाली अपनी विवादित टिप्पणी वापस लें और उसे सदन की कार्यवाही
से हटाया जाए। दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे,जिससे गतिरोध खत्म
होने की कोई सूरत नहीं दिखी। इस दौरान कुछ मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के
बीच बातचीत भी हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं
निकला। छे दिन बाद आखिरकार गतिरोध खत्म हुआ। कांग्रेस के छह विधायकों का
निलंबन रद्द कर दिया गया और मंत्री की टिप्पणी भी कार्यवाही से हटा दी गई। लेकिन
असल सवाल यह है कि जनता के मुद्दों पर इन छह दिनों में कोई चर्चा क्यों नहीं हुई? यदि यही समझौता पहले हो जाता, तो प्रदेश की जनता के मुद्दों पर चर्चा हो सकती थी।
राजनीति की
हार-जीत से ज्यादा बड़ा सवाल यह है कि विधानसभा का बहुमूल्य समय और जनता की
समस्याएं यूं ही बर्बाद हो गईं। अब यह जरूरी है कि आगे से सदन को जनता की आवाज के
लिए इस्तेमाल किया जाए, ताकि वास्तविक समस्याओं का
समाधान निकल पाए। जिस सदन में जनता की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए थी, वहां केवल नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप गूंजते रहे। हर दिन लाखों
रुपये खर्च होने वाले इस सदन में छह दिन तक करोड़ों रुपये व्यर्थ बहाए गए,लेकिन जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दे जैसे सड़क, पानी, बिजली, अस्पताल और स्कूल की कोई चर्चा नहीं हुई। छह दिन सिर्फ राजनीतिक जिद और टकराव के शिकार हो गए।