- Back to Home »
- Crime / Sex »
- एक बार जिदें दूसरी बार मरे हुए बाप की दो बार मौत दिखाकर [मृत्यु सर्टिफिकेट लगाकर] दो बेटों को अनुकम्पा नियुक्ति का फर्जीवाड़ा आया सामने
एक बार जिदें दूसरी बार मरे हुए बाप की दो बार मौत दिखाकर [मृत्यु सर्टिफिकेट लगाकर] दो बेटों को अनुकम्पा नियुक्ति का फर्जीवाड़ा आया सामने
Posted by : achhiduniya
13 May 2025
ग्वालियर के PHE
विभाग में फर्जी दस्तावेज बनाकर अनुकंपा
के आधार पर नौकरी लेने का मामला सामने आया है। भूप सिंह पीएचई विभाग ग्वालियर में कर्मचारी थे।
उसके दो बेटे रवि और पुष्पेंद्र। इन दोनों की इसी विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति भी
हुई। अनुकम्पा नियुक्ति पिता के निधन पर होती है। नौकरी एक ही संतान को मिलती हैं
लेकिन रवि और पुष्पेंद्र राजपूत दोनों सगे भाइयों की अनुकंपा नियुक्ति मिली। वह भी
अलग-अलग वर्षों मे। पहले बड़े बेटे रवि ने 2007-08 में कर्मचारी भूप सिंह को मृत दिखाकर नौकरी ले
ली। इसके बाद रवि की नियुक्ति के बाद भी भूप सिंह नौकरी करता रहा। लेकिन जब 30
अक्टूबर 2021 को भूप सिंह की मृत्यु हो गई तो उसके छोटे बेटे
पुष्पेंद्र को भी अनुकम्पा नियुक्ति दे दी गई। फर्जीवाड़े की शुरुआत
2008 में हुई। पिता की
कागजों में हुई मृत्यु के आधार पर 5 सितंबर 2008 को बड़े बेटे रवि राजपूत को कार्यभारित स्थापना
में हेल्पर के पद पर नियुक्ति दे दी गई। उसे कार्यपालन यंत्री पीएचई,
संधारण खंड 1 में पदस्थ किया गया। मृत्यु के समय भूप सिंह को
नियमित कर्मी, कार्यालय-कार्यपालन
यंत्री, पीएचई
के
संधारण खंड क्रमांक-1 में पदस्थ बताया गया। रवि के नियुक्ति आदेश में
भूप सिंह की मृत्यु तिथि तक नहीं लिखी गई। दस्तावेज बताते हैं कि 2021
में भूप सिंह का छोटा बेटा अनुकम्पा
नियुक्ति पाकर चौकीदार बन गया। 30 अक्टूबर 2021 को भूप सिंह की मृत्यु हुई। छानबीन समिति ने
फरवरी 2023 में
निर्णय लिया कि कार्यभारित पंप अटेंडर कम ड्रायवर भूप सिंच की मृत्यु के बाद पुत्र
पुष्पेंद्र राजपूत को नियुक्ति दी जा रही है। पुष्पेंद्र को कार्यभारित स्थापना
में अराज्यस्तरीय रिक्त चौकीदार के पद पर पदस्थ किया जाता है।
मृत्यु के समय भूप
सिंह को कार्यपालन यंत्री, पीएचई संधारण ख क्रमांक-2, मोतीझील में पदस्थ होना बताया गया। ग्वालियर मे पीएचई विभाग के चीफ इंजीनियर आर एल
एस मौर्य का कहना हैं कि किसी व्यक्ति की दो बार मृत्यु होना संभव नहीं है। ये
संभव ही नहीं है कि एक कर्मचारी की दो बार मृत्यु हो और हर बार उसके परिजन को
अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए। उन्होंने कहा कि मैं इसकी जांच करूंगा और दोषी लोगों पर
कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी। उन्होंने विभाग मे अब तक हुई सभी अनुकम्पा नियुक्तियों
की छानबीन कराने के आदेश दिए गए हैं ताकि यह पता चल सके कि इसके पीछे कहीं कोई
रैकेट तो काम नहीं कर रहा था। दरअसल, पीएचई विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक
कर्मचारी ने पहले अपने बड़े बेटे को नौकरी दिलवा दी। कुछ समय बीत जाने के बाद छोटे बेटे ने भी पिता का मृत्यु सर्टिफिकेट लगाकर
नौकरी हासिल कर ली। PHE ने अपने विभाग के एक कर्मचारी की अलग-अलग वर्षों मे मौत दिखाकर किये
गए आवेदनों के आधार पर विभाग ने उसके दोनों बेटों को अनुकम्पा नियुक्ति दे दी।
सबसे बड़ी और चौंकाने वाली बात तो यह है कि लंबे समय तक बड़ा बेटा पिता के साथ एक
ही विभाग में नौकरी करता रहा।