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- नाबालिग बच्चे चला रहे ई-रिक्शा,बच्चों को ले जा रहें स्कूल दुर्घटनाओं की बड़ी आशंका...
Posted by : achhiduniya
19 July 2025
पर्यावरण अनुकूल होने के साथ ही बैटरी चलित ई-रिक्शे का किराया
किफायती होता है,लेकिन अब स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों को छोड़ने वाले इन ई-रिक्शा
पर प्रतिबंध लग सकता है। हालांकि यह तभी संभव होगा, जब
शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश लागू किए जाएंगे,लेकिन इन पर
अंकुश लगाने की शुरुआत प्रशासन ने कर दी है। मध्य प्रदेश के भोपाल
में बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शे की संख्या करीब
10 हजार
है,लेकिन शहर में इनके सुरक्षित संचालन के लिए कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है। इसी
कारण ई-रिक्शा मुख्य मार्गों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इनके कारण पुराने शहर में
दिनभर जाम की नौबत बनी रहती है। शहर में ई-रिक्शे के बेतरतीब
संचालन को लेकर भोपाल
सांसद आलोक शर्मा ने ई-रिक्शा संचालन को लेकर विशेष चिंता जताते हुए कहा कि यह
पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन होने के बावजूद, कई बार शहर में अव्यवस्थित रूप से खड़ा रहता है। यह
नाबालिग बच्चों द्वारा चलाया जाता है और इनमें छोटे बच्चों को स्कूल ले जाया जाता
है,जिससे
दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। शर्मा ने इस समस्या से जल्द निपटने के लिए
अधिकारियों को निर्देशित किया। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम और प्रभावी बनाने
को लेकर शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक का आयोजन किया गया था।
इसमें
सांसद शर्मा ने पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र एवं कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम
सिंह को ई-रिक्शा संचालन के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करने को कहा,इसके साथ ही
सड़कों पर खड़े वाहनों का चालान बनाने के लिए बाजारों में मोबाइल कोर्ट लगाने को लेकर
भी इस बैठक में सहमति बनी है।जिससे सड़क पर वाहन पार्क करने वालों पर शिकंजा कसा
जा सके। शहर में सुगम यातायात के लिए पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी बैठक में विशेष
चर्चा की गई। सांसद शर्मा ने नर्देश दिए कि स्मार्ट पार्किंग आम नागरिकों के लिए
है, न
कि स्थायी मासिक पासधारकों के लिए,उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थल सुबह 8 बजे
से लेकर रात 11 बजे तक खुलने चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए
कि मासिक पास की व्यवस्था तत्काल समाप्त की जाए ताकि आमजन के लिए पार्किंग अधिक सुलभ
हो सके।