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- गौतम बुद्ध से जुड़े अवशेष [हड्डियों के टुकड़े,क्रिस्टल के पात्र,सोने के आभूषण] भारत लाए गए…..
Posted by : achhiduniya
31 July 2025
उत्तर प्रदेश
के सिद्धार्थनगर जिले के पिपरहवा नामक जगह पर एक स्तूप की खुदाई के दौरान 1898
में गौतम बुद्ध से
जुड़े कुछ अवशेष मिले थे। इन अवशेषों को विलियम क्लॉक्सटन पेप्पे नाम का एक
अंग्रेज अधिकार अपने साथ ब्रिटेन लेकर चला गया था। ये अवशेष उसके निजी संग्रह में
शामिल थे,लेकिन इस साल इनकी हांगकांग में नीलामी की सूचना मिली। इस पर भारत सरकार
सक्रिय हुई और नीलामी रुकवा कर इन्हें भारत लाई। इन अवशेषों के भारत लाए जाने पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इसे देश की समृद्ध
सांस्कृतिक विरासत के लिए गर्व का क्षण बताया है।अंग्रेज अधिकारी विलियम क्लॉक्सटन
पेप्पे ने 1898 में उत्तर प्रदेश में आज के
सिद्धार्थनगर
जिले के पिपरहवा में स्थित स्तूप की खुदाई करवाई थी। वहां हड्डियों के टुकड़े,
क्रिस्टल के पात्र,
सोने के आभूषण और
अन्य समर्पित किया गया सामान मिला था। ये सामान बौद्ध परंपरा के मुताबिक स्तूप में
रखे गए थे। ब्राह्मी लिपि के शिलालेख से पता चला कि ये अवशेष शाक्य वंश की ओर से
भगवान बुद्ध को समर्पित किए गए थे। शाक्य परिवार गौतम बुद्ध का ही परिवार था। अंग्रेज अधिकारी ने 1899 में अधिकांश अवशेष कोलकाता के इंडियन म्यूजियम को
सौंप दिए गए थे,लेकिन उसका कुछ हिस्सा पेप्पे परिवार के पास ही रह गया। ये सामान
उसके निजी संग्रह का हिस्सा थे,लेकिन 2025
में
ये गौतम बुद्ध को समर्पित किए गए ये सामान हांगकांग में नीलामी करने वाली संस्था
सदबीज की नीलामी में सामने आए। इस पर भारत
सरकार सतर्क हुई। ये सामान भारत के कानून के अनुसार एए श्रेणी की प्राचीन धरोहर हैं। उन्हें बेचना या भारत से बाहर ले जाना गैरकानूनी
है। संस्कृति मंत्रालय ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कूटनीतिक और कानूनी प्रयासों
से नीलामी को रुकवाया और अवशेषों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया।