कब्र से सीधे जन्नत,क्या है आतंकियों का "दौरा-ए-तरबियत" और "दौरा-ए-तस्किया" नाम का कोर्स…?
अफगानिस्तान में बैठे जैश कमांडर मसूद अजहर का एक ऑडियो सामने आया,जिसमें
आतंकी महिलाओं को जन्नत भेजने के नाम पर बरगला रहा था। रिकॉर्डिंग से
जमात-उल-मोमिनत नाम के नए महिला जिहाद ब्रिगेड को लेकर बड़े खुलासे हुए था। इससे
साफ पता चला था महिलाओं को आंतकी ट्रेनिंग देने, उन्हें तैनात करने के लिए आतंकी मसूद किस तरह की
प्लानिंग कर रहा है। रिकॉर्डिंग में आतंकी अजहर कहता है कि
जमात-उल-मोमिनत में शामिल होने वाली कोई भी महिला मरने के बाद अपनी कब्र से सीधे
जन्नत जाएगी। उसने बताया कि पहला कोर्स पूरा करने वाली महिलाएं दौरा-अयात-उल-निसा
नाम के दूसरे चरण में जाएंगी, जहां उन्हें सिखाया जाएगा
कि कैसे इस्लामी ग्रंथ महिलाओं
को जिहाद करने का निर्देश देते हैं। बहावलपुर के मरकज उस्मान ओ अली में अपनी तकरीर
के दौरान मसूद अजहर बता रहा था कि कैसे महिलाओं को जिहाद के लिए भर्ती किया जाएगा।
कैसे उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी और कैसे उनका उपयोग किया जाएगा। आतंकी कहता है कि
जिस तरह पुरुष आतंकियों को 15 दिनों के दौरा-ए-तरबियत नाम के कोर्स से गुजरना
पड़ता है, उसी तरह
जमात-उल-मोमिनत में शामिल होने वाली महिलाओं को दौरा-ए-तस्किया नाम का कोर्स करना
होगा। दिल्ली ब्लास्ट में सुसाइड बॉम्बर डॉक्टर उमर मोहम्मद जैश-ए-मोहम्मद आतंकी
संगठन से जुड़ा हुआ था।
अफगानिस्तान में बैठा जैश का कमांडर इसे ऑपरेट कर रहा था।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किया है।दरअसल, भारत के ऑपरेशन सिंदूर का झटका ऐसा लगा है कि
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर अब भी सदमे से उबर नहीं सका है। जैश सरगना मसूद
अजहर का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें उसने खुद को विश्व का सबसे रईस इंसान बताया
है। मसूद अजहर का कहना है कि वो एलन मास्क और मार्क ज़ुकरबर्ग से भी ज्यादा अमीर
है। आतंकी ने यह भी दावा किया कि उसने जिहाद के लिए जो कुछ भी मांगा उसे मिला है। जैश आतंकी मसूद अजहर का कहना है कि असलहे और
बंदूकें खरीदने के लिए उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है।
“MAKE IN INDIA” अभियान के तहत पुरे भारत में बुलेट ट्रेन की कनेक्टिविटी जल्दी...PM-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़े टेक्नोक्रैट और इंजीनियर्स के साथ अपने संवाद में
गौर करने वाली बात क्या कही आप अपनी लर्निंग्स और
प्रैक्टिसिस को डॉक्युमेंट करें और पुरे प्रोजेक्ट के कार्यान्वन की एक ब्लू बुक तैयार करें। ये सुनकर बड़ा सुखद
आश्चर्य हुआ, क्योंकि जो लोग सिर्फ मोदी को गालियां देते हैं।
तंज कसते रहते थे कि भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट
इम्प्लीमेंट हो ही नहीं सकता। वो सोच रहे होंगे, क्या भारत बुलेट ट्रेन
के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए अपनी ब्लू बुक तैयार करेगा। IMPOSSIBLE
और
जिन्हें विश्वास था की प्रोजेक्ट पूरा होगा, वो भी सोचते होंगे की
जापान से टेक्नोक्रैट आएंगे और प्रोजेक्ट तैयार कर देंगे। भारत के पास कहां इतने
संसाधन उपकब्ध हैं। जब अहमदाबाद से मुंबई के बीच में चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन
के लिए कंस्ट्रक्शन का प्लान तैयार हुआ तो
सबसे पहला निर्णय यह लिया गया की यह
प्रोजेक्ट जापान की मदद से पूरी तरह मेक इन इंडिया अभियान के तहत ही
तैयार होगा यानी भारत के इंजीनियर्स द्वारा, जापान से टेक्नोलॉजी
को ट्रांसफर करके भारत में डेवलप किया जाएगा, उसी टेक्नोलॉजी को ही
इम्प्लीमेंट किया जाएगा। शुरुवात में हमारे इंजीनियर्स को तथा अन्य वर्क फ़ोर्स को
जरुरस्त के हिसाब से अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण के लिए जापान भेजा जाएगा।
बाद
में वही भारत में आकर अपनी टीम को प्रशिक्षित करेंगे। भारत के वड़ोदरा में बुलेट
ट्रेन प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्वछर के निर्माण तथा ऑपरेशन और मेंटेनेंस की
ट्रेनिंग के लिए अल्ट्रा मॉर्डन ट्रेनिंग सेंटर भी तैयार हो रहा है। इस पूरी
एक्सरसाइज का फायदा ये हुआ है की बुलेट ट्रेन का एलिवेटेड कॉरिडोर भारत के
इंजीनियर्स और भारत की कम्पनियों द्वारा ही तैयार किया जा रहा है। इसका परिणाम
क्या हुआ पता है, हमारी हिंदुस्तानी कम्पनियां ऐसी-ऐसी मशीने तैयार
कर रही हैं, जो विश्व में कहीं मौजूद नहीं हैं। हाल ही में
अपनी स्टोरी की शूटिंग के दौरान मैंने देखा की 1000
टन
के 45 मीटर के सिंगल स्पैन की लिफ्टिंग के लिए उपयोग में
लायी जाने वाली 1200 टन का वजन उठाने वाली स्ट्रैडल क्रैडल पहली बार
भारत में तैयार की गई है
, क्योंकि विश्व में इतनी बड़ी मशीन मौजूद ही नहीं
थी। इससे काम में जबरदस्त तेजी तो आयी पर भविष्य के लिए नया प्रोटोकॉल भी बन गया। इतना
ही नहीं ट्रैक बेड, ट्रैक स्लैब, नॉइस बैरियर्स सहित कई
सारे मैटिरियल्स का निर्माण भी लोकल लेवल पर ही हो रहा है। कुछ परसेंट मैटीरियल और
टेक्नोलॉजी अभी इस पहले प्रोजेक्ट के लिए जापान से ही आएगी, जैसे ट्रैक बेड और
ट्रैक स्लैब के बीच में लगने वाले कायम बैग या रेल लाइन बोगीज वगैरह अभी जापान से
ही आएंगी, लेकिन जल्दी ही उनके लिए भी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
एग्रीमेंट होने वाले हैं। यानी वो भी बाद में भारत में ही निर्मित होंगे।2027
में
भारत में बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरू होगा। प्रोजेक्ट की प्लानिंग के वजट एक तर्क
ये भी किया गया था की जापान से टेक्नोलॉजी और मैन पावर इम्पोर्ट करके इम्प्लिमेन्ट
करने से प्रोजेक्ट जल्दी पूरा होगा। पर फिर क्या होता हम देश में बुलेट ट्रेन के
विकास के लिए हम हमेशा जापान पर निर्भर रहते। आज हम स्वस्तंत्र हैं।
पैन कार्ड स्कैम 23 सितंबर को रिहा 17 नवंबर को फिर जेल जाएंगे बाप बेटे अब्दुल्ला व आजम खान
MP-MLA कोर्ट ने
आजम खान को दो पैन कार्ड रखने
के मामले में सात साल की सजा सुनाई है। आजम खान के साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को
भी इस मामले में दोषी पाया गया है और उन्हें भी सात साल की सजा हुई है। आजम खान
इसी साल 23 सितंबर
को जेल से रिहा हुए थे और अब वह 17 नवंबर को फिर जेल के अंदर जाएंगे। बीजेपी नेता
आकाश सक्सेना ने 2019 में आजम खान और
उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें दावा
किया गया था कि आजम खान दो पैन कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और दोनों में उनकी उम्र
अलग-अलग है। अब कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट का फैसला आने के बाद
मुकदमा दर्ज कराने वाले आकाश सक्सेना ने कहा कि सत्य की जीत हुई है।
बिहार चुनाव सही तरीके से नहीं हुए, दोबारा होना चाहिए रॉबर्ट वाड्रा
रॉबर्ट वाड्रा ने
कहा, देश को बदलाव चाहिए,
जो भी गलत यह सरकार कर रही है,
वो आज के यूथ को पसंद नहीं। इसके लिए हम
लड़ेंगे डेमोक्रेसी के लिए लड़ेंगे। हमें शिव कि शक्ति चाहिए। मैं परिवार के लिए
पूजा करूंगा देखना बदलाव जरूर आएगा। रॉबर्ट वाड्रा दो दिन के लिए धार्मिक यात्रा
पर मध्य प्रदेश आए हैं। रविवार शाम को वह इंदौर के देवी अहिल्या होल्कर एयरपोर्ट
पहुंचे। यहां से वह सीधे खजराना गणेश मंदिर में दर्शन करने गए। वह 17
नवम्बर को उज्जैन, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन और नर्मदा स्नान
कर पूजा-पाठ
करेंगे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, उज्जैन आता हूं, मेरा भरोसा हैं शिव कि शक्ति मिलती हैं। मेरा
धार्मिक दौरा पूरे देश में होता हैं और यहीं से शुरू होता है। बिजनेसमैन रॉबर्ट
वाड्रा ने बिहार में दोबारा विधानसभा चुनाव कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि
चुनाव आयोग की मदद से नतीजे आए हैं। इस वजह से कोई भी इन नतीजों से खुश नहीं है।
ऐसे में राहुल गांधी सोमवार को सभी से मिलेंगे और लोकतंत्र की मांग के लिए आंदोलन
शुरू करेंगे। इंदौर में मीडिया से बात करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि बिहार कि
जनता असल में खुश नहीं, जो हुआ वो बिल्कुल चुनाव आयोग की वजह से हुआ है।
चुनाव आयोग ने मदद की है। यह जो रिजल्ट आया हैं, उससे कोई सहमत नहीं है। रॉबर्ट वाड्रॉ ने बताया
कि राहुल जी कल सब लोगों के साथ मिल रहे हैं, जितने भी जवान युवक हैं, सबके साथ जुड़ेंगे और आंदोलन करेंगे की
डेमोक्रेसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव सही तरीके से नहीं हुए,
दोबारा होना चाहिए फिर आपको दिखेगा की
रिजल्ट पलट जाएगा।
शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण करते ही FIR दर्ज जाने क्या है पूरा मामला...?
शिवाजी महाराज की एक
मूर्ति बनी थी मगर अभी उसका अनावरण नहीं हुआ था इसलिए उसे एक कपड़े से ढककर रख
दिया गया था। महाराष्ट्र नाव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने उसी मूर्ति का
अनावरण कर दिया और मामला दर्ज होने के बाद उस पर अपना बयान जारी किया है। नवी मुंबई पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। दरअसल,अमित ठाकरे ने शिवाजी महाराज की एक ढकी हुई
मूर्ति का अनावरण कर दिया जिसकी उन्हें इजाजत नहीं थी। अब इसी कारण उनके ऊपर पुलिस
ने मामला दर्ज कर दिया। आपको बता दें कि आइए आपको बताते हैं कि इस मामले पर उनका
क्या कहना है। यह घटना 16
नवंबर की है। राज ठाकरे के बेटे अमित का
कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी की शिवाजी महाराज की प्रतिमा कई दिनों से बनकर
तैयार है लेकिन नेताओं के पास
समय नहीं होने की वजह से इस प्रतिमा का अनावरण किया
नहीं जा रहा था। शिवाजी महाराज की प्रतिमा को गंदे और फटे पुराने कपड़ों से कवर
किया गया था और यह शिवाजी महाराज का अपमान का था इसीलिए हमने मूर्ति का अनावरण
किया। मूर्ति का अनावरण करने के बाद शिवाजी की प्रतिमा को पवित्र जल से धोया गया। उन्होंने अपने ऊपर मामला दर्ज होने के बाद सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। उस पोस्ट में लिखा है,शिवाजी महाराज के सम्मान के लिए लड़ना अगर जुर्म
है तो वह भविष्य में हजारों ऐसे जुर्म करेंगे। इसके साथ ही FIR की एक फोटो भी शेयर की है,जिसमें पुलिस ने उन लोगों का नाम लिखा है जिस पर
मामला दर्ज किया है। अमित ठाकरे के अलावा इस मामले में और भी कई सारे कार्यकर्ताओं
पर मामला दर्ज किया गया है।
ट्रेन के नंबर में शून्य क्यों होता है, 5 अंकों में छिपी होती है सारी जानकारी
भारतीय ट्रेनों के कोच पर लिखे 5 अंकों वाले नंबर से जुड़ा है। क्या आपको मालूम
है कि, भारतीय
ट्रेनों का नंबर 5 अंकों का ही क्यों होता है ? दरअसल, हाल ही में इस रहस्य से पर्दा उठा है जिसके बारे
में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। भारतीय ट्रेनों का नंबर 5 अंकों का इसलिए होता है क्योंकि ये नंबर ट्रेन के
कोच की पूरी डिटेल देता है। 5 अंकों के इस कोड में पहले दो अंक कोच के निर्माण
वर्ष को बताते हैं और अंतिम तीन अंक कोच की श्रेणी (जैसे AC, स्लीपर, जनरल) के द्योतक हैं। यह पद्धति 2010
में लागू की गई थी ताकि ट्रेनों की संख्या
में वृद्धि को प्रबंधित किया जा सके। कई
ट्रेनें भारत में ऐसी चलती हैं जिनका नंबर 0-5 के बीच होता है। अब आप केवल
सोचिए कि आखिर ऐसी
क्या वजह है जो ट्रेन का शुरुआती नंबर 0 क्यों होता है ? आपको बता दें कि, जिन ट्रेनों की शुरुआत 0 से होती है वो ट्रेन किसी खास केटेगरी में भी आ
सकती है। आमतौर पर ऐसी ट्रेनें किसी खास मौके पर चलाई जाती हैं जिन्हें हॉलिडे
स्पेशल या फिर समर स्पेशल कहते हैं। कई बार इन ट्रेनों को त्योहारों पर भी चलाया
जाता है। 0 - विशेष ट्रेनों के लिए (जैसे,
ग्रीष्मकालीन विशेष,
अवकाश विशेष, आदि) 1 - सभी लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए,
जिनमें राजधानी, शताब्दी, संपर्क क्रांति, गरीब रथ, दुरंतो, आदि शामिल हैं। 2 - लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए;
इसका उपयोग तब किया जाना है जब किसी भी
श्रृंखला में 1 से शुरू
होने वाली ट्रेन संख्या समाप्त हो जाती है।
3 - कोलकाता उपनगरीय ट्रेनों के लिए। 4
- चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद और अन्य महानगरीय क्षेत्रों में
उपनगरीय ट्रेनों के लिए। 5 - पारंपरिक कोच वाली यात्री ट्रेनों के लिए। 6
- मेमू ट्रेनों के लिए। 7
- डीएमयू (डीईएमयू) और रेलकार सेवाओं के
लिए। 8 - वर्तमान
में आरक्षित के लिए। 9 - मुंबई क्षेत्र की उपनगरीय ट्रेनों के लिए। भारत में ट्रेनों से सफर से
करना यात्रियों के बेहद सस्ता, सुलभ और सुविधाजनक है। रेलवे ने यात्रियों के
आरामदाक सफर के लिए कई ऐसे कदम उठाए हैं जिसकी वजह से भारतीय रेलवे दुनिया भर में
एक मिसाल बन चुका है। सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग समय पर भारतीय रेलवे से जुड़े
अनोखे फैक्ट्स और रिकॉर्ड वायरल होते रहते हैं।
क्रिकेट सट्टेबाजी हो वैध, बने मैच फिक्सिंग कानून...?
साल 2013 में आईपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के
मामले सामने आने के बाद पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुआई में 2015 में एक समिति बनाई गई थी। मामले की जांच के दौरान इस
समिति ने भी सुझाव दिया था कि देश में सट्टेबाजी को वैध घोषित कर देना चाहिए।
समिति ने इसके लिए कुछ शर्ते लागू करने की भी बात कही थी। भारतीय क्रिकेट में मैच
फिक्सिंग की घटनाओं को लेकर सक्रियता बढ़ी है। तमिलनाडु प्रीमियर लीग में कथित मैच
फिक्सिंग की आशंका के बाद महिला टीम को भी फिक्सिंग की पेशकश की खबर सामने आई,
हालांकि दोनों ही मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी इस बात का खुलासा नहीं
हुआ है कि इसके पीछे
कौन-कौन से लोग शामिल हैं। भारतीय क्रिकेट में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के
मामलों को लेकर BCCI की एंटी करप्शन यूनिट के
चीफ अजीत सिंह शेखावत ने सट्टेबाजी को वैध करने का सुझाव दिया है। राजस्थान के
पुलिस महानिदेशक रह चुके शेखावत ने कहा है कि हमें मैच फिक्सिंग कानून लाने की जरूरत है,अगर इसके खिलाफ स्पष्ट कानून होगा
तो पुलिस की भूमिका भी स्पष्ट हो जाएगी।
शेखावत से पूछा गया था कि क्या मुंबई, कर्नाटक और तमिलनाडु में इस साल मैच फिक्सिंग के मामले
आने के बाद देश में स्पॉट फिक्सिंग को रोकना नामुमकिन हो गया है? इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इसे रोका ही न जा
सके। अप्रैल 2018 में बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट से जुड़े शेखावत ने
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में ये बात कही। तमिलनाडु प्रीमियर लीग और महिला क्रिकेटरों से जुड़े कथित मैच फिक्सिंग मामले
में जांच कर रही बीसीसीआई एंटी करप्शन यूनिट के चीफ अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि भारतीय लॉ कमीशन ने पिछले साल मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने की बात कही थी।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया
में ऐसा किया भी जा चुका है। इसके अलावा सट्टेबाजी को वैध करना क्रिकेट में भ्रष्टाचार को रोकने का एक और
तरीका है, जिसे अपनाने पर विचार किया
जाना चाहिए। इससे सारा अवैध कारोबार नियंत्रित हो सकता है। अजीत सिंह ने साथ ही
कहा कि इसके लिए कुछ मापदंड बनाने होंगे,
ताकि
सबकुछ नियंत्रण में हो। इससे जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है, वहीं सरकार को भी राजस्व में बड़ी राशि मिल सकती है। अजीत
सिंह शेखावत ने कहा कि एक बार जब
सट्टेबाजी वैध हो जाएगी तो आपको पता चल
सकेगा कि कौन-कौन सट्टेबाजी कर रहा है और कितनी कर रहा है। ऐसा करते हुए जब आपके
पास सारा डाटा होगा तो आप अवैध सट्टेबाजी को मुश्किल बना सकते हैं। फिलहाल
सट्टेबाजी के लिए कुछ सौ या हजार के जुर्माने का ही प्रावधान है। पहले भ्रष्टाचार
की जड़ें केवल पुरुष क्रिकेट में ही फैली हुईं थीं,लेकिन
अब महिला क्रिकेटर भी इसकी जद में आ गईं हैं।
कोर्ट का फैसला,Business Tour पर शख्स की महिला से सेक्स के दौरान हार्ट अटैक से मौत कंपनी जिम्मेदार
फ्रांस
की हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी
CPAM {Caisse Primaire d'Assurance Maladie} ने भी इस हादसे को वर्कप्लेस दुर्घटना करार दिया था।
जेवियर के एंप्लायर टीएसओ ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी थी। टीएसओ ने कोर्ट
में कहा कि उसकी मौत एक अजनबी महिला के साथ विवाहेतर संबंध बनाने की वजह से हुई,लेकिन
कोर्ट ने अपने आदेश कहा था कि सेक्स भी शॉवर लेना या खाना खाना की तरह सामान्य
जीवन का हिस्सा है। CPAM ने भी इस हादसे को
वर्कप्लेस दुर्घटना करार दिया था।दरअसल,फ्रांस में बिजनेस टूर पर गए
एक शख्स की सेक्स के दौरान मौत हो गई। पेरिस की कोर्ट
ने इस
मामले में शख्स की कंपनी को जिम्मेदार माना है। जेवियर एक्स नाम
के शख्स को रेलवे सेवा कंपनी ने सेंट्रल फ्रांस के एक
होटल में बिजनेस की मीटिंग
के
लिए भेजा था, लेकिन वहां एक महिला से सेक्स के दौरान उसको कार्डियक अरेस्ट आया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 6 साल तक चले इस केस में कोर्ट ने अब फैसला सुनाया है। इस
मामले में कंपनी ने कोर्ट में तर्क दिया कि कर्मचारी को जिस होटल में मीटिंग के
लिए भेजा था वह वहां नहीं पहुंचा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने पैरिस कोर्ट से अपील की कर्मचारी की मौत के लिए
उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए। क्योंकि उसने कंपनी के कामकाज को छोड़कर अपनी निजी
जिंदगी के लिए अपनी जान दांव पर लगाई और यह कंपनी के कामकाज से बिल्कुल अलग था,लेकिन
कोर्ट ने कंपनी के तर्कों को नहीं माना और कहा मृतक कर्मचारी के परिवार को मुआवजा
मिलना ही चाहिए। बीबीसी की रिपोर्ट के
मुताबिक, जजों ने अपने फैसले में कहा,बिजनेस टूर पर गए कर्मचारी को उसके मिशन की पूरी अवधि तक
के लिए सुरक्षा मिलनी चाहिए। जजों ने कहा कि कंपनी यह साबित नहीं कर सकी कि बिजनेस
टूर पर गए जेवियर ने खुद को एंप्लॉयर के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर लिया था।
गाड़ी पर प्रेस, मानवाधिकार,पुलिस का स्टीकर लगाकर घूमें तो होगी कार्रवाई....
बिहार
के दरभंगा में पुलिस, प्रेस और मानवाधिकार लिखी गाड़ियों की संख्या दिन-ब-दिन
बढ़ती जा रही हैं। इसकी आड़ में अवैध कार्य भी किए जा रहे हैं। स्थिति ऐसी बन गई है कि मुख्य सड़क से गुजरने
वाले हर 10 गाड़ी में एक-दो गाड़ी इस
तरह के मिल जाती है, जिस पर पुलिस, मानवाधिकार और प्रेस लिखा हुआ रहता है। सवाल है कि अचानक
इनकी संख्या में बढ़ोतरी कैसे हो गई है। निश्चित रूप से सारे गलत नहीं हो सकते, लेकिन इसकी आड़ में कई लोग गलत तरीके से अपने वाहनों पर
स्टीकर चिपकाकर इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।दरअसल, अपने गैरकानूनी कार्यों को छुपाने के लिए और दूसरे पर
धौंस दिखाने के लिए भी इस तरह का काम धड़ल्ले से हो रहा है।
परिवार में कोई प्रेस
में है या पूर्व में कभी था, ऐसे लोगों की गाड़ियों पर से
भी प्रेस कभी नहीं मिटती है। खासकर, मानवाधिकार लिखे बोर्ड की संख्या अनगिनत हो गई है। कई
सरकारी कर्मियों के वाहनों पर भी प्रेस लिखा नजर आते हैं। वहीं, सिटी एसपी ने कहा कि इस तरह के अवैध ढंग से नंबर प्लेट पर
लिखकर घूमने वाले लोगों पर नए मोटर वाहन अधिनियम के तहद सख्ती से करवाई की जाएगी।
वही, सिटी एसपी ने कहा कि वाहनों के प्लेट पर बिना अथॉरिटी के
लिखना गैरकानूनी है। जब से यह नया यातायात नियम आया है, उसको लेकर हमलोग विभिन तरीकों से जागरुकता अभियान चला रहे
हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत जल्द हम पूरे जिले में अभियान भी चलाने जा रहे
हैं, जिसके तहत वाहन चेकिंग का
अनुपालन सख्ती से करवा सकें। इसके अलावा स्कूल,
कॉलेज
और कोचिंग सहित जहां काफी संख्या में बच्चे आते हैं, वैसे
जगहों पर भी जागरूकता फैलाने का काम किया जायेगा। वहीं, उन्होंने कहा कि वाहन चेकिंग के दौरान अगर गाड़ी के नंबर
प्लेट पर मानवाधिकार, पुलिस और प्रेस का दुरुपयोग
किया गया पाया गया तो मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जुर्माना लिया
जाएगा।
आंवला इम्यूनिटी बूस्टर के साथ यौन जीवन को बनाता है बेहतर
आंवले में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा होने की वजह से इसे इम्यूनिटी
बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस छोटे से फल को खाने से हाजमा भी ठीक
रहता है। दूसरे फायदों की बात करें तो यह हमारी स्किन और बालों के लिए रामबाण का
काम करता है। यही वजह है कि आंवले की गुणवत्ता वैज्ञानिक और आयुर्वेदाचार्य दोनों
ही मानते हैं। कच्चा आंवला खाना थोड़ा मुश्किल होता है, आंवले
को धनिया, पुदीना
और लहसुन के साथ पीसकर उसकी चटनी बनाइए और स्वादानुसार नमक और नींबू डालकर भोजन
में शामिल करिए। अगर आंवले की चटनी बनाकर खाएंगे तो यह आपके लिए बेहद फायदेमंद
साबित होगी। साथ ही आपके खाने का स्वाद भी लाजवाब रहेगा। एक शोध के मुताबकि आंवले
में पाए जाने वाले लौह तत्व शुक्राणु बढ़ाने में मदद करते हैं। आयुर्वेदिक
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि दिन में
एक बार आंवला जूस पीना चाहिए। इससे पौरुष
शक्ति के साथ-साथ यौन शक्ति में वृद्धि होती है। इसके अलावा आंवला कैंसर जैसी धातक
बीमारियों से बचाव करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुणों की मात्रा भरपूर होती है, जो
कैंसर का रूप लेने वाली कोशिकाओं को भी प्रभावित करता है। आंवले की हर्बल चाय भी
बहुत फायदेमंद रहती है। आंवले की हर्बल चाय इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद मानी जाती
है। इसके अलावा आंवले का अचार भी स्वाद के और सेहत दोनों को लिए अच्छा रहता है,अगर
इन तरीकों से आंवले का सेवन करेंगे तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।आंवले
का जूस भी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद रहता है। इसलिए आप हर दिन आंवले का जूस का
सेवन कर सकते हैं, आंवले
के जूस से सर्दी-खांसी में भी तुरंत आराम मिलता है। आंवले के जूस में आप पानी
मिलाकर भी पी सकते हैं यह शरीर के लिए फायदा देता है। आप आंवले को खाने के वक्त
सलाद में भी शामिल कर सकते हैं, इससे आपके खाने का स्वाद दो बनेगा ही साथ ही यह आपकी सेहत के लिए
भी बहुत फायदेमंद साबित होगा। इसलिए आप आंवले का सेवन सालद के रूप में भी कर सकते
हैं। इसके अलावा आंलवे का मुरब्बा तो को देशी नुस्खा है, जो
स्वाद में तो लाजवाब होता ही है बल्कि यह सेहत को भी मजबूत बनाता है। इसलिए आप
आंवले का सेवन मुरब्बा बनाकर भी कर सकते हैं। आंवले में इतना विटामिन-सी होता
है जो शरीर में जरुरी पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकता है।
कही आप की भी तो नहीं हो रही Private moment छुपे कैमेरे में कैद {रिकार्डिंग} जाने बचने के उपाए...?
आप किसी होटल के कमरे में अपने साथी के साथ प्राइवेट पल बीता
रहे हैं और वहां कोई तीसरा छुपकर इन सारे पलों को रिकॉर्ड कर रहा हो। भारत के छोटे
शहरों से अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां होटल के
कमरे में छुपे हुए कैमरे (Hidden cameras) किसी का भविष्य
बर्बाद कर रहे होते हैं। मौजूदा समय में पॉर्न साम्रगी का एक बड़ा हिस्सा यहीं से
प्रोड्यूस किया जा रहा है। चाहे वह ट्रायल
रूम हों या होटल का कमरा,हर जगह से ऐसी शिकायतें आते रहती हैं। ऐसा ही एक मामला तब
सामने आया था जब उत्तराखंड घूमने गए एक नव विवाहित जोड़े को होटल के कमरे की छत पर
लगे पंखे में एक कैमरा (Hidden cameras) छुपा मिला था।
ऐसे
में ये हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि किसी होटल में चेक-इन करने के बाद उस कमरे की
अच्छे से पड़ताल कर लें-कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण, खोजने के
6 तरीके:- अक्सर कैमरा पंखे,प्लग इन,लाइट,किताबें या मैगजीन,डीवीडी केस,शेल्फ,लैपटॉप,कंप्यूटर,लैंप,दीवारें,ड्रॉवर, दीवारों के
सॉकेट,मिरर,बाथरूम आदि में छुपे होते
हैं। तो सबसे पहले 10 मिनट में इन सारी जगहों को अच्छे से चेक कर लें।
कमरे में
लगे मिरर पर अपनी नाखून तो रखकर देखें. क्या आपकी अंगुली और नाखून की परछाई के बीच
में जगह है,अगर आपकी अंगुली के नाखून और उसकी परछाई के बीच में कोई जगह नहीं दिखती
तो शीशे के दूसरी तरफ कैमरा हो सकता है। फ्लैशलाइट रिफ्लिक्शन का इस्तेमाल करें। जब
कमरे की सारी लाइटें बंद हो जाएं तो एक फ्लैशलाइट को पूरे कमरे घुमाएं। शायद आपको
कैमरे का रिफ्लेक्शन या प्रतिबिंब दिख जाए। छिपे कैमरे को ढूंढने वाला या
इलेक्ट्रो मैगनेटिक लाइट को खोजने वाला एक ऐप डाउनलोड करें। यह कैमरे कि
फ्रीक्वेंसी का पता लगा सकता है।
आप रूम को नेटवर्क कैमरा के लिए स्कैन कर सकते
हैं,बिल्कुल वैसे ही जैसे वाईफाई के लिए करते हैं,अगर रूम में कोई लाइव कैमरा लगा
होगा तो वह वाईफाई डिवाइसेस या मौजूदा नेटवर्क ऑप्शन में ज़रूर दिखेगा। अधिकतर
कैमरों को बिजली की जरूरत होती है और इसलिए बिजली उपकरणों में गैर जरूरी तार या
जलती-बुझती रोशनी की जांच ज़रूरी है। यहां तक कि एक अतिरिक्त तार भी कैमरे से
कनेक्ट हो सकता है।
चिंता ही सभी बीमारियों की जड़ है....?
चिंता असहजता, डर और अनसेफ महसूस करने या कोई ऐसी बात जिससे आप डर रहे हों से
हो सकती है। डर आमतौर पर खतरे के बाद गायब हो जाता है, जबकि
चिंता बिना किसी खतरे के बनी रहती है। डर या किसी खतरे से पहले चिंता
होना एक सामान्य क्रिया है। जब आपको लंबे समय तक डर बना रहता है तो शरीर को नुकसान
पहुंचता है। लंबे समय तक चलने वाली चिंता शरीर को स्ट्रेस देती है। कैसे दूर करें
एंग्जाइटी? इससे
छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स:- तनावपूर्ण स्थिति या बुरे अनुभव के दौरान हमारा शरीर
अलग तरह से प्रतिक्रिया देने लगता है, जिसे एंग्जाइटी (Anxiety) कहा
जाता है। हम अपने जीवन के अलग-अलग चरणों के दौरान बहुत-सी
चीजों के बारे में सोचते
हैं, बच्चों
को अपने एग्जाम की चिंता हो सकती है, जबकि वयस्क लोगों को नौकरी या पारिवारिक जिम्मेदारियों
की चिंता सता सकती है। क्या हैं चिंता के कारण? चिंता एक घबराहट पर निर्भर करती है, जितना
ज्यादा आप घबराएंगे उतनी ज्यादा आपकी चिंता बढ़ती चली जाएगी। आपके लिए यह खतरनाक
स्क्सपीरिंस हो सकता है। चिंता बीमारी होने, फाइनेंशियल परेशानियों की वजह से या घरेलू
कारणों से हो सकती है।
कुछ लोग इस कंट्रोल करने के लिए ड्रग्स या शराब का सेवन
करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आप लगातार स्ट्रेस की चपेट में आना शुरू हो जाते
हैं,अगर आप कुछ भी मानसिक परेशानी महसूस कर रहे हैं तो यह इसके लक्षण हो सकते हैं।
क्या होते हैं बेचैनी के लक्षण? काम में मन लगना, हर चीज से निराश होना, ज्यादा
पसीना आना, सांस
की तकलीफ होना, तेजी
से सांस लेना या घुटन महसूस करना इसके लक्षण हो सकते हैं। साथ ही कांपना, बार-बार
टॉइलेट आना, मुंह
सूखना, उल्टी, दस्त
या कब्ज, स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन, ध्यान
केंद्रित करने में परेशानी,
नींद न आना या सेक्स से संबंधित परेशानियां भी हो सकती हैं।
क्या
करें कि न हो किसी चीज की चिंता:- चिंता के हल्के मामलों की पहचान मेडिकल जांच के
दौरान या किसी स्वास्थ्य संबंधी जांच के दौरान की जा सकती है। गंभीर चिंताया
घबराहट होने पर आमतौर पर लोगों डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसी हालत में आप
हार्ट-अटैक जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। तुरंत ही डॉक्ट के पास जाएं और जो
परेशानियां आपकों हो रही हैं डॉक्टर को बताएं। चिंता का क्या है इलाज? इस
तरह की बीमारी का इलाज सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लें। खुद कुछ न अपनाएं शराब, कॉफी
पीने से बचना चाहिए। ऐसे में आप साइकोथैरेपी लें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों
को लें। साथ ही आराम करें और रोजाना एक्सरसाइज को अपने रुटीन में शामिल करें।
कौन है भारतीय नागरिक-कौन नहीं,क्या कहता है संविधान...?
संविधान में भारतीय नागरिक को स्पष्ट तौर
पर पारिभाषित किया गया है। संविधान का
अनुच्छेद 5 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में जन्म लेता है और उसके
मां-बाप दोनों या दोनों में से कोई एक भारत में जन्मा हो तो वो
भारत का नागरिक होगा। भारत में संविधान लागू होने के 5 साल पहले यानी 1945 के पहले से रह रहा हर व्यक्ति भारत का
नागरिक माना जाएगा। अगर कोई भारत में नहीं भी जन्मा हो, लेकिन वो यहां रह रहा हो और उसके मां-बाप में से कोई एक भारत में पैदा हुए हो तो वो भारत का
नागरिक माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति यहां 5 साल तक रह चुका हो तो वो भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई
कर सकता है। संविधान का अनुच्छेद 6
पाकिस्तान से भारत आए लोगों की नागरिकता को पारिभाषित करता
है। इसके मुताबिक 19 जुलाई 1949 से पहले पाकिस्तान से भारत आए लोग भारत के नागरिक माने
जाएंगे। इस तारीख के बाद पाकिस्तान से भारत आए लोगों को नागरिकता हासिल करने के
लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। दोनों परिस्थितियों में व्यक्ति के मां-बाप या दादा-दादी का भारतीय नागरिक होना जरूरी है। संविधान का अनुच्छेद 7 पाकिस्तान जाकर वापस लौटने वाले लोगों के लिए है।
इसके
मुताबिक 1 मार्च 1947 के बाद अगर कोई व्यक्ति पाकिस्तान चला गया, लेकिन रिसेटेलमेंट परमिट के साथ तुरंत
वापस लौट गया हो वो भी भारत की नागरिकता हासिल करने का पात्र है। ऐसे लोगों को 6 महीने तक यहां रहकर नागरिकता के लिए
रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। ऐसे लोगों पर 19 जुलाई 1949 के बाद आए लोगों के लिए बने नियम लागू होंगे। संविधान का
अनुच्छेद 8 विदेशों में रह रहे भारतीयों की नागरिकता को लेकर है। इसके
मुताबिक विदेश में पैदा हुए बच्चे को भी भारतीय नागरिक माना जाएगा अगर उसके मां-बाप या दादा-दादी में से से कोई एक भारतीय नागरिक हो। ऐसे बच्चे को
नागरिकता हासिल करने के लिए भारतीय दूतावास
से संपर्क कर पंजीकरण करवाना होगा।
संविधान का अनुच्छेद 9 भारत की एकल नागरिकता को लेकर है। इसके
मुताबिक अगर कोई भारतीय नागरिक किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसकी भारतीय
नागरिकता अपने आप खत्म हो जाएगी। संविधान का अनुच्छेद 10 नागरिकता को लेकर संसद को अधिकार देता
है। इसके मुताबिक अनुच्छेद 5 से लेकर 9 तक के नियमों का पालन करने वाले भारतीय नागरिक होंगे। इसके
अलावा केंद्र सरकार के पास नागरिकता को लेकर नियम बनाने का अधिकार होगा। सरकार
नागरिकता को लेकर जो नियम बनाएगी उसके आधार पर किसी को नागरिकता दी जा सकेगी।
संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता पर कानून बनाने का अधिकार देता है। इस
अनुच्छेद के मुताबिक किसी को नागरिकता देना या उसकी नागरिकता खत्म करने संबंधी
कानून बनाने का अधिकार भारत की संसद के पास है।
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